कक्षा 1 से कक्षा 10 के लिए निबंध / essay for class 1 to class 10
100 Words - 150 Words
मैं एक पेड़ हूँ। मेरी जन्मभूमि एक घने जंगल की गोद में थी। शुरुआत में मैं एक छोटी सी पौधा थी, लेकिन वक्त बिताने के साथ-साथ मैं बड़ी हो गई। मेरे ऊपर पक्षियों के निवास स्थान बन गए और मेरी छाया में लोग आराम करते थे।
मैंने वर्षों तक ओक के रूप में संसार को सजाया और वायुमंडल में ऑक्सीजन प्रदान की। अब मैं वृक्षारोपण अभियान के माध्यम से मानवता की सेवा कर रही हूँ। मेरे रूप में जीवन यापन करना मुझे गर्व है। मैं संसार की आशा और प्रकृति का संरक्षक हूँ। मेरे साथ मिलकर वृक्षारोपण का समर्थन करें और हर एक पेड़ को बचाने का संकल्प लें।
200 Words - 250 Words
मैं एक पेड़ हूँ। अपने जीवन की कहानी सुनाने से पहले मैं धन्यवाद व्यक्त करना चाहूँगा कि मुझे जीवन देने वाले प्रकृति और मानवता का आभारी हूँ। मैंने ज़मीन के गोद में पैर रखा है और सभी जीवों के लिए अपनी सेवा करने का संकल्प लिया है।
मेरा जीवन वास्तव में अद्वितीय है। मैंने अनगिनत ऋतुओं को देखा है और उन्हें अपने वृक्ष शरीर के माध्यम से ग्रहण किया है। मुझे खुशी होती है कि मैं पक्षियों को अपनी शाखाओं पर घर दे सकता हूँ और उन्हें अपनी चादर में सुरक्षा दे सकता हूँ। मैं उनका विश्रामस्थल और पुष्टिकर्ता हूँ।
मेरा उद्देश्य मानव समुदाय के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। मैं ऑक्सीजन प्रदान करता हूँ, जो सभी जीवों के लिए अनिवार्य है। मेरे वृक्ष शरीर ने कई सालों तक काष्ठ संचय किया है, जिससे घर बनाने और ऊष्मा के उपयोग के लिए उपयोग हो सकता है।
लेकिन, आधुनिक विकास केकारण लोगों ने मेरे महत्व को अनदेखा कर दिया है। वनस्पति नष्टीकरण, जंगलों की कटाई, और वातावरणीय प्रदूषण ने मेरे जीवन को ध्वंस कर दिया है। मेरे बचाव और पुनर्जीवित करने के लिए लोगों को संयमित होने और पेड़ों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने की आवश्यकता है।
मैं इस आत्मकथा के माध्यम से लोगों को आग्रह करना चाहूँगा कि वे मेरे जैविक महत्व को समझें और मेरी सुरक्षा और संरक्षण के प्रति समर्पित हों। मैं भूमि की हद को पार करने के लिए योगदान देता हूँ, और यह सत्य है कि मेरे बिना जीवन संभव नहीं होगा।
आशा है कि मेरी यह आत्मकथा मानवीय मस्तिष्कों को प्रेरित करेगी और उन्हें पेड़ों के महत्व को समझने और संरक्षण करने के लिए प्रेरित करेगी। मेरे प्रति जागरूकता और प्रेम द्वारा, हम सब मिलकर सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारा पृथ्वी एक स्वस्थ और हरित भूमि बनी रहे।
400 Words - 500 Words
मैं एक पेड़ हूँ। मेरी जन्म गांव के एक छोटे से वन में हुआ था। मेरे माता-पिता भी पेड़ ही थे और उन्होंने मुझे यहां लगाया था। मेरी छोटी छोटी पत्तियाँ, हरा रंग, और शाखाओं की सुंदरता ने मुझे प्रकृति का अनुभव कराया। धीरे-धीरे मैं ऊँचा और मजबूत हो गया और एक बड़ा पेड़ बन गया।
मैंने वन के जीवों के साथ एक अनूठा संबंध बनाया। पक्षी मेरी शाखाओं पर अपना घोंसला बनाते थे और उनका गाना मेरे कानों में मधुरता भर देता था। जंगली जानवर मेरे नीचे आकर अपनी ठंड बुझाते थे और मुझे अपनी सुरक्षा की गारंटी मिलती थी।
समय बीता और मैं बड़ा हो गया। मेरे वृक्षारोपण के साथ, मैंने इंसानों को अपनी महत्ता समझाने का प्रयास किया। मैंने उन्हें ऑक्सीजन प्रदान की, जीवदायी औषधियों का स्रोत बना, और पर्यावरण सुरक्षा के लिए लड़ाई ली। लेकिन दुख की बात है कि कुछ मनुष्यों ने मुझे कअन्यायपूर्ण रूप से काट दिया और मेरे वृक्ष धरोहरों को नष्ट कर दिया। मेरे तने अपर्याप्त रूप से नहीं बच पाए और मेरी जड़ें भी काट दी गईं। मेरा हृदय दुख से भर गया, लेकिन मैं हार नहीं माना।
मैंने अपनी संघर्षों से सीखा है कि परिवर्तन का स्वागत करना आवश्यक है। मैंने अपने बाल बचाए हैं और नए पत्ते उगाए हैं। मैं जीवन की शक्ति और सहनशीलता का प्रतीक हूँ।
आज, जब मैं ऊँचा हो गया हूँ, लोग मेरी छाया में बैठते हैं, मेरे नीचे बैठकर अपनी कहानियाँ सुनाते हैं और मुझसे शांति और सुकून की कामना करते हैं। मैं आज भी प्रकृति के लिए लड़ रहा हूँ, और मैं अपने स्वरूप के रूप में गर्व महसूस करता हूँ।
मैं एक पेड़ हूँ, और मेरा जीवन एक आदर्श है। मैंने अपने बाल, शाखाएँ और पत्तियाँ खो दी हैं, लेकिन मेरी रूह और उत्साह अब भी जीवंत हैं। मैं लोगों को स्नेह और ध्यान की महत्ता सिखाता हूँऔर प्रकृति के साथ संगठित रहने का महत्त्व दर्शाता हूँ। मेरी आत्मकथा एक सत्य कहानी है, जो यह सिद्ध करती है कि हमारे पेड़-पौधों का रक्षण करना हमारी जिम्मेदारी है और हमें इनका सम्मान करना चाहिए।
मैं जानता हूँ कि मेरी आत्मकथा अब भी जारी रहेगी, जब लोग मेरे विचारों से प्रेरित होंगे और प्रकृति के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी को निभाने का संकल्प लेंगे। मैं एक पेड़ हूँ, एक मित्र हूँ, और एक संरक्षक हूँ। आइए, हम सभी मिलकर पेड़ों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण में योगदान दें, ताकि हमारी पृथ्वी सुंदर, स्वस्थ और समृद्ध बनी रहे।